एक खरगोश को खरगोशों की स्कूल में भर्ती किया गया, पर उसमें एक खास बात थी कि वह दूसरों खरगोशों की तुलना में बढ़िया कूदता था, लेकिन तैर नहीं पाता था| साल के अंत में उसे कूदने के लिए बढ़िया अंक मिले लेकिन वह तैराकी में फेल हो गया| क्योंकि उसे तैराकी पसंद नहीं थी और उसे तैराकी करने में बहुत दिक्कतें होती थी |पर माता-पिता को बहुत चिंता हुई | माता-पिता ने खरगोश से कहा:- कूदने के बारे में भूल जाओ, उसमें, तो तुम अच्छे ही हो | सारा ध्यान तैराकी पर लगाओ | खरगोश ने तैराकी की तरफ ध्यान बढ़ा दिया और कूदना बिल्कुल छोड़ दिया | उन्होंने खरगोश की तैराकी की कोचिंग भी करवा दी | बताइए आगे क्या हुआ होगा? मैं ही बता देता हूं | खरगोश कूदने के हुनर में भी पीछे रह गया, जहां तक, तैराकी का सवाल है; क्या आपने कभी किसी खरगोश को तैरते हुए देखा है ?
सीख:- सबसे पहले हमें अपने मजबूत पक्षों को साथ लेकर शुरुआत करना चाहिए| यह भी जानना जरूरी है कि हम किन बातों में अच्छे नहीं हैं, लेकिन जो हममें अच्छा है उसका आनंद जरूर उठाना चाहिए | ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि हमारी मजबूत बातें ही कमजोरियों को दूर करने के लिए ताकत बनती है | जो आपके मजबूत हुनर है उन्हें हमेशा तरासते और निखारते रहिए|