एक पहाड़ी पर एक फार्म हाउस में एक बच्चा रहता था | रोज उसके पिता भेड़ चराने जाते और बच्चा सुबह एक काम जरुर करता | अपने घर की खिड़कियों से दूर बने एक दूसरे घर को देखा करता | उस घर की खिड़कियां सुनहरी थी | वह कहता:- मैं वहां जरूर जाऊंगा | एक दिन उसने अपने पिता से कहा :- आज मैं भेड़ चराने जाऊंगा आप घर पर रहना | बच्चे को इसी दिन का इंतजार था | और वह भेड़ों को चराते हुए सुनहरी खिड़कियों के घर की तरफ निकल पड़ा | चलते चलते उसे आभास हो गया था कि वह घर काफी दूर है | पहाड़ खेतों से गुजरते हुए शाम की शुरुआत तक वहां पहुंच गया पर उसे सुनहरी खिड़कियों वाला घर तो नहीं, पर पुरानी टूटी खिड़कियों वाला घर जरूर दिखा | उसने दरवाजा खटखटाया | तो उसी के उम्र का छोटा बच्चा बाहर आया | बच्चे ने दूसरे बच्चे से बड़ी उत्सुकता से पूछा:- क्यों तुमने सुनहरे खिड़कियों वाला घर देखा है ?
तब वह बच्चा उस बच्चे को अपने घर के अंदर खिड़कियों के पास ले गया और वहां से एक घर को दिखाता है जो सुनहरा चमक रहा होता है जैसे कि वह इस नजारे को देखता है और स्तब्ध हो जाता है क्योंकि वह घर उसी का था जो सूरज की डूबती रोशनी में सुनहरा चमकता हुआ नजर आ रहा था |
जो आपके पास है वह बहुमूल्य है तुलना नहीं कीजिए खुश रहिए |
You are right 👍👌😊
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया,बहुत सही शिक्षा परंतु और बेहतर करने के लिए सदैव तत्पर रहकर अनवरत रूप से प्रयास करना चाहिए
जवाब देंहटाएं👍👍👍👌👌👌👌😊😊
😌
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