गुरुवार, 26 नवंबर 2020

डॉ हरिसिंह गौर 151 वी जयंती

डॉ हरिसिंह गौर
(26 नवंबर 1870- 25 दिसंबर 1949) 

आज डॉ हरिसिंह गौर जी की 151 वी जयंती मनाएं घर-घर ज्ञान का दीप जलाएं | डॉ हरिसिंह गौर का जन्म 26 नवंबर 1870 सागर में हुआ था | सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, शिक्षाशास्त्री, ख्यति प्राप्त विधिवेत्ता, न्यायविद्, समाज सुधारक, साहित्यकार (कवि, उपन्यासकार) तथा महान दानी एवं देशभक्त थे। वह बीसवीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों में से थे। वे दिल्ली विश्वविद्यालय तथा नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। वे भारतीय संविधान सभा के उपसभापति, साइमन कमीशन के सदस्य तथा रायल सोसायटी फार लिटरेचर के फेल्लो भी रहे थे।उन्होने कानून शिक्षा, साहित्य, समाज सुधार, संस्कृति, राष्ट्रीय आंदोलन, संविधान निर्माण आदि में भी योगदान दिया।उन्होने अपनी गाढ़ी कमाई से 20 लाख रुपये की धनराशि से 18 जुलाई 1946 को अपनी जन्मभूमि सागर में सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा वसीयत द्वारा अपनी निजी सपत्ति से 2 करोड़ रुपये दान भी दिया था। इस विश्वविद्यालय के संस्थापक, उपकुलपति तो थे ही, वे अपने जीवन के आखिरी समय (२५ दिसम्बर १९४९) तक इसके विकास व सहेजने के प्रति संकल्पित रहे। उनका स्वप्न था कि सागर विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज तथा ऑक्सफोर्ड जैसी मान्यता हासिल करे। उन्होंने ढाई वर्ष तक इसका लालन-पालन भी किया। डॉ॰ सर हरीसिंह गौर एक ऐसा विश्वस्तरीय अनूठा विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना एक शिक्षाविद् के द्वारा दान द्वारा की गई थी। ऐसे श्रेष्ठ दानवीर को नमन|
 उन्होंने ना सिर्फ बुंदेलखंड बल्कि राष्ट्र को एक शिक्षा का बहुत बड़ा तोहफा सौपा |
 सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा 2009 में मिला |
वर्तमान में सागर विश्वविद्यालय 830 हेक्टेयर में फैला है जिसमें 37 विभाग और 10,000 विद्यार्थी अध्ययनरत है यहां 300 से अधिक शिक्षक और 1000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं |

संविधान दिवस 2020 और संविधान का उद्देश्य

 


संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया |  | भारत गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था। संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 से संविधान दिवस मनाया गया।
भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है।
परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। 
जनवरी 2020 तक संविधान में 104 संविधान संशोधन हो चुके हैं इसमें 101वां संविधान संशोधन जीएसटी और 103 वां संविधान संशोधन 10% आरक्षण आर्थिक कमजोर सवर्णों के लिए आरक्षण है |


भारतीय संविधान की उद्देशिका

हम भारत के लोग, भारत को एक संप्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म
और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्रदान करने के लिए
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता
और अखंडता
सुनिश्चित करनेवाली बंधुता
बढ़ाने के लिए
दृढ़ संकल्प होकर
अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई० “मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हज़ार छह विक्रमी) को एतदद्वारा संविधान को अंगीकृत, अधिनियिमत और आत्मार्पित करते हैं|

अंग्रेजी में प्रस्तावना ये रही:
THE CONSTITUTION OF INDIA
PREAMBLE

WE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC and to secure to all its citizens
JUSTICE, social, economic and political;
LIBERTY of thought, expression, belief, faith and worship;
EQUALITY of status and of opportunity; and to promote among them all
FRATERNITY assuring the dignity of the individual and the unity and integrity of the Nation;
IN OUR CONSTITUENT ASSEMBLY this 26th day of November 1949, do HEREBY ADOPT, ENACT AND GIVE TO OURSELVES THIS CONSTITUTION.

इस प्रस्तावना में संविधान में समाहित जितने भी मूल्य और आदर्श हैं, उनको शामिल किया गया है. लेकिन यहां इस्तेमाल किए गए शब्दों के मतलब क्या हैं? इन सभी शब्दों को यहां लिखने के पीछे संविधान निर्माताओं की क्या अर्थ था? चलिए, इसे भी समझ लेते हैं.

We, the people of India: हम, भारत के लोग. यानी संविधान जिनसे बना है. जो इस संविधान के स्रोत हैं|

Sovereign: संप्रभु. यानी ऐसा देश जो किसी दूसरे के प्रभाव से/प्रभुता से मुक्त है| अपने सभी निर्णय लेने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र है, और उस पर किसी बाहरी शक्ति का कोई प्रभाव नहीं होगा|

Socialist: समाजवादी. ये शब्द 1976 में 42वें संशोधन के बाद जोड़ा गया | समाजवाद एक विचारधारा है जो ये मानती है कि समाज में सभी लोगों तक संपन्नता का हिस्सा पहुंचना चाहिए | धन-सम्पत्ति भी समाज से ही उपजती है. तो उसका बंटवारा भी शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीकों से लोगों के बीच होना चाहिए | लोकतांत्रिक समाजवाद की ये विचारधारा कहती है कि धन समाज के कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए | उत्पादन के साधनों पर लोगों का मिला-जुला मालिकाना हक़ होना चाहिए |

Secular: धर्म-निरपेक्ष. यानी भारत देश का अपना कोई घोषित धर्म नहीं है | जैसे पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है. पर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है | यहां पर सरकार और धार्मिक समूहों के बीच कोई भी संबंध यहां के संविधान और कानून के हिसाब से तय होता है | देश के हर नागरिक को अपना धर्म मानने, उसे अपनाने, और उसका प्रचार करने का हक़ है | किसी के साथ उसके धर्म के आधार पर भेदभाव करना गैरकानूनी है |ये शब्द भी 42वें संशोधन में जोड़ा गया था|

Democratic: लोकतांत्रिक. भारत देश की जनता अपने प्रतिनिधि खुद चुनती है| वोट के माध्यम से. सभी के वोटों का महत्त्व बराबर है |जनता के द्वारा जनता का प्रतिनिधि चुना जाता है. जनता के लिए|

Republic: गणराज्य. यानी जनता द्वारा प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से चुना गया व्यक्ति ही उसका प्रमुख होगा | ये पद वंशानुगत नहीं होगा |

Justice: न्याय. भारत का संविधान सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, और राजनैतिक स्तर पर न्याय देने का वादा करता है |

Liberty: स्वतंत्रता. अपने विचारों को व्यक्त करने की, अपना धर्म चुनने की, अपने लिए नौकरी चुनने की, अपने प्रतिनिधि चुनने की, अपने और समाज की बेहतरी के लिए विकल्प चुनने की स्वतंत्रता |

Equality: बराबरी. यानी समता. धार्मिक, राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर लोगों के बीच राज्य की तरफ से कोई भेदभाव नहीं होगा | संविधान की नज़र में सब बराबर हैं |

Fraternity: भाईचारा/बंधुत्व. सभी नागरिकों के बीच आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना |

भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. इसमें कई देशों के संविधानों से प्रेरणा लेकर चीज़ें शामिल की गई हैं | यही नहीं, इसे एक जीवित संविधान कहा जाता है | क्योंकि समय के साथ इसमें बदलाव होते आए हैं |






रविवार, 4 अक्टूबर 2020

हाथी का मनोबल


एक राजा के पास बहुत ही शक्तिशाली हाथी था | उस हाथी की मदद से राजा ने कई युद्ध जीते थे लेकिन समय के साथ- साथ हाथी बूढा होता जा रहा था| ऐसे में उसकी ताकत भी कम हो गई थी | धीरे-धीरे राजा ने उसे युद्ध पर ले जाना बंद कर दिया और इस कारण से उसका खाना पीना भी पहले से कम कर दिया गया | एक दिन हाथी बहुत प्यासा था | वह अपनी प्यास बुझाने के लिए महल के पास वाली झील पर गया और खूब पानी पिया |इसके बाद वह नहाने के लिए गहरे पानी में उतरने लगा लेकिन वहाँ कीचड होने के कारण वह वहाँ फस गया | जब यह बात राजा को पता लगी तो उसने सैनिकों को उसे निकालने के लिए भेजा लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उसे निकाला नहीं जा सका | ऐसे में राजा चिंतित हो गया! तभी उसके मंत्री ने उसे एक सुझाव दिया |सभी सैनिकों को युद्ध के कपडे पहनाएँ गए और हाथी की तरफ बढने को कहा गया | युद्ध भूमि जैसे नगाडे भी बजने लगे | हाथी को लगा कि दुश्मन की सेना उसकी ओर बढ़ रही है | उसका सोया हुआ मनोबल जाग उठा और वह पूरी जोश के साथ आगे बढा | देखते ही देखते वह कीचड वाले पानी से स्वयं ही बाहर आ गया |इस तरह  मंत्री द्वारा बताई गई तरकीब काम कर गई |

सीखः मनोबल और जोश के साथ आप जो चाहे प्राप्त कर सकते है|


रविवार, 27 सितंबर 2020

खरगोश का हुनर

 


एक खरगोश को खरगोशों की स्कूल में भर्ती किया गया, पर उसमें एक खास बात थी कि वह दूसरों खरगोशों की तुलना में बढ़िया कूदता था, लेकिन तैर नहीं पाता था| साल के अंत में उसे कूदने के लिए बढ़िया अंक मिले लेकिन वह तैराकी में फेल हो गया| क्योंकि उसे तैराकी पसंद नहीं थी और उसे तैराकी करने में बहुत दिक्कतें होती थी |पर माता-पिता को बहुत चिंता हुई | माता-पिता ने खरगोश से कहा:- कूदने के बारे में भूल जाओ,  उसमें, तो तुम अच्छे ही हो | सारा ध्यान तैराकी पर लगाओ | खरगोश ने  तैराकी  की तरफ  ध्यान बढ़ा दिया और कूदना बिल्कुल छोड़ दिया | उन्होंने  खरगोश की तैराकी की कोचिंग भी करवा दी | बताइए आगे क्या हुआ होगा?  मैं ही बता देता हूं | खरगोश कूदने के हुनर में भी पीछे रह गया,  जहां तक, तैराकी का सवाल है; क्या आपने कभी किसी खरगोश को तैरते हुए देखा है ?


सीख:- सबसे पहले हमें अपने मजबूत पक्षों को साथ लेकर शुरुआत करना चाहिए|  यह भी जानना जरूरी है कि हम किन बातों में अच्छे नहीं हैं, लेकिन जो हममें अच्छा है उसका आनंद जरूर उठाना चाहिए | ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि हमारी मजबूत बातें ही कमजोरियों को दूर करने के लिए ताकत बनती है | जो आपके मजबूत हुनर है उन्हें हमेशा तरासते और निखारते रहिए|

रविवार, 20 सितंबर 2020

विश्लेषण


एक बुजुर्ग दंपत्ति दशकों से साथ थे | कुछ समय से पति को लगने लगा था कि उनकी पत्नी को अच्छे से सुनाई नहीं देता है |उसने डॉक्टर से सलाह ली तो डॉक्टर बोला ' पहले जांचिए कि आपकी पत्नी की समस्या कितनी गंभीर है ? उनसे कुछ दूर खड़े होकर देखिए की उन्हें कितनी दूर से सुनाई देता है देता है देता है | ' पति घर गया और उसने डॉक्टर के बताए अनुसार 30 फीट की दूरी पर खड़े होकर पत्नी से पूछा:- 'आज खाने में क्या है? ' पति को कोई जवाब नहीं मिला | फिर उसने 20 फीट की दूरी से पूछा:- ' आज खाने में क्या है? ' फिर कोई जवाब नहीं मिला | पति ने वही सवाल 10 फीट की दूरी से दोहराया दोहराया,  लेकिन कोई जवाब नहीं मिला | पति को लगने लगा कि पत्नी की सुनाई ना देने की समस्या गंभीर हो गई है | उसे पत्नी पर दया आई | फिर  बिल्कुल पास खड़े होकर उसने पत्नी के कंधे पर हाथ हाथ रखते हुए पूछा:- ' मैं चौथी बार पूछ रहा हूं की आज खाने में क्या है ? ' पत्नी गुस्से से चिल्लाते हुए बोली:- ' मैं भी चौथी बार बता रही हूं की खिचड़ी बनाई है | ' 


सीख:- कई बार समस्याएं  दूसरों में नहीं,  स्वयं में भी हो सकती है | समस्याओं का सही विश्लेषण करना जरूरी है  | 

रविवार, 6 सितंबर 2020

सुनहरा घर



एक पहाड़ी पर एक फार्म हाउस में एक बच्चा रहता था | रोज उसके पिता भेड़ चराने जाते और बच्चा सुबह एक काम जरुर करता | अपने घर की खिड़कियों से दूर बने एक दूसरे घर को देखा करता | उस घर की खिड़कियां सुनहरी थी | वह कहता:- मैं वहां जरूर जाऊंगा | एक दिन  उसने अपने पिता से कहा :- आज मैं भेड़ चराने जाऊंगा आप घर पर रहना  | बच्चे को इसी दिन का इंतजार था | और वह भेड़ों को चराते  हुए सुनहरी  खिड़कियों के घर की तरफ निकल पड़ा | चलते चलते उसे आभास हो गया था कि वह घर काफी दूर है | पहाड़ खेतों से गुजरते हुए शाम की शुरुआत तक वहां पहुंच गया पर उसे सुनहरी खिड़कियों वाला घर तो नहीं, पर पुरानी टूटी खिड़कियों वाला घर जरूर दिखा | उसने दरवाजा खटखटाया | तो उसी के उम्र का छोटा बच्चा बाहर आया | बच्चे ने दूसरे बच्चे से बड़ी उत्सुकता से पूछा:- क्यों तुमने सुनहरे खिड़कियों वाला घर देखा है ?
तब वह बच्चा उस बच्चे को अपने घर के अंदर  खिड़कियों के पास ले गया और वहां से एक घर को दिखाता है जो सुनहरा चमक रहा होता है जैसे कि वह इस नजारे को देखता है और स्तब्ध हो जाता है क्योंकि वह घर उसी का था जो सूरज की डूबती रोशनी में सुनहरा चमकता हुआ नजर आ रहा था |


जो आपके पास है वह बहुमूल्य है तुलना नहीं कीजिए खुश रहिए |

रविवार, 30 अगस्त 2020

कहानी :- प्रतियोगिता

प्रतियोगिता

एक बार सीधे पहाड़ पर चढ़ने की प्रतियोगिता हुई | प्रतियोगियों को पहाड़ पर चढ़ते देखने के लिए बहुत भीड़ जमा हो गई | हर कोई सीधी पहाड़ी को देखकर कहता ' यह तो बहुत सीधी है इस पर चढ़ना तो नामुमकिन है | '
कुछ प्रतियोगी यह सुनकर ऊपर चढ़े ही नहीं, तो कुछ थोड़ा ऊपर जाकर गिर गए और फिर प्रयास नहीं किया | उन्हें देख लोग और जोर से कहने लगे कि यह प्रतियोगिता कोई नहीं जीत सकता क्योंकि इस पहाड़ पर चढ़ना असंभव है | इससे बचे हुए प्रतियोगी भी हताश हो गए | लेकिन उन्हीं के बीच एक प्रतियोगी बार-बार गिरने पर भी कोशिश करता रहा और अंततः वह उसे सीधे पहाड़ पर चढ़ गया | उसे विजेता घोषित किया गया | वहां खड़े कुछ लोगों ने उससे पूछा कि तुमने यह असंभव काम कैसे किया ? तुम्हारी सफलता का राज क्या है ?  लेकिन उस प्रतियोगी ने किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया | तभी पीछे से एक आवाज आई, ' अरे उससे क्या पूछते हो...... वह तो जन्म से ही कुछ सुन नहीं सकता |

सफलता पाने के लिए हताशा भरी नकारात्मक बातों को अनसुना करना ही बेहतर है |




रविवार, 23 अगस्त 2020

असफलताओं को सफलताओं में बदलना है तो इन से भी सीख सकते हैं |


बात किसी एग्जाम की हो, किसी प्रोजेक्ट की या बिज़नस की, फेल होने पर निराश और हताश होना आम है | लेकिन अगर आप हिम्मत हारे बिना वो करेंगे जो आपको पसंद है और उसमें बेहतरीन प्रदर्शन कर दिखाएंगे तो सफलता की नए रास्ते खुलेंगे | दुनिया में ऐसे कई सफल लोग हैं जिन्होंने सफल होने से पहले कई बार असफलता का सामना किया | अपने अनुभव से वे इस बात में बहुत यकीन रखते हैं की असफलता आपको सफलता के लिए तैयार करता है इसीलिए इससे डरे नहीं बल्कि सामना करें | लेखिका जे के रोलिंग भी असफलताओं पर खुलकर बात करती हैं | वे कहती हैं असफलता को गले लगाइए क्योंकि किसी चीज में फेल हुए बिना जीवन बिताना संभव ही नहीं है | कुछ ऐसे ही सोच के साथ इन सफल पर्सनालिटीज ने भी अपने स्कूल स्कोर को तवज्जो ना देकर अपने पैशन को पोषित किया और पूरी दुनिया में अपनी पहचान भी बनाई|

यह पांच हस्तियां

1. वयस्क होने के बाद भी पढ़ नहीं पाते थे टाम क्रूज |
Tom Cruise

हॉलीवुड लेजेंड टॉम क्रुज की माने तो वयस्क होने तक वे पढ़ नहीं पाते थे | इसकी वजह डिस्लेक्सिया थी | वे यह भी बताते हैं कि उन्होंने 18 स्कूल बदले | एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने प्रीस्ट बनने के बारे में सोचा लेकिन एक टीचर के प्रोत्साहन पर हाई स्कूल के प्रोडक्शन में ऑडिशन दिया और लीड रोल अपने नाम कर लिया | यहीं से उन्होंने एक्टिंग में अपने पैशन को पहचाना और इसे करियर के तौर पर अपनाया | मिशन इंपॉसिबल और टॉप गन जैसी फिल्मों में काम कर चुके टाम क्रूज की संपत्ति आज लगभग 455 मिलियन स्टार्लिंग पाउंडस है |

2.रैपर बनने का सपना था तो पढ़ाई छोड़ी एमिनेम ने |
Eminem

एमिनेम अपने फेलियर को लेकर कई बार खुलकर बात कर चुके हैं | वे बताते हैं कि नौवीं क्लास में वे 3 बार फेल हुए और अंततः रैप सिंगर बनने के अपने सपने को पूरे करने की चाह में वे स्कूल की पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाए | इसकी चलते उन्होंने 17 कि उम्र में स्कूल ड्राप कर दिया | स्कूल छोड़ने के बाद एमिनेम ने इंडस्ट्री में पहचान बनाने की लिए कड़ी मेहनत की | इसी मेहनत के चलते आज भी पूरी दुनिया में रैपर के तौर पर जाने जाते हैं | आज उनकी संपत्ति की बात करें तो यह 167 मिलियन स्टार्लिंग पाउंडस है |

3.5000 बार फेल हुए लेकिन हारे नहीं डायसन | 

James Dayson

किसी एग्जाम या किसी काम में एक बार फेल होना काफी निराशाजनक होता है | 5000 बार वो फेल हुए हैं यह उनका फेलियरस् नंबर है जिनका सामना इनवेंटर व इंटरपेन्योर सर जेम्स डायसन ने अपने 15 साल के केरियर में किया | जेम्स डायसन मानती हैं कि ऐसे कई मोके आते हैं जब एक इन्वेंटर निराश होकर हार मान सकता है लेकिन मुझे मेरी हर असफलता ने सफलता के पास पहुंचाया | आज उनका तैयार किया गया बैगलैश वेक्यूम क्लीनर अमेरिका में बेस्ट सैलिंग में शामिल हैं | और आज उनकी संपत्ति 4.5 बिलियन डॉलर के पार है |

4.होमवर्क नहीं, गाना पसंद था रिहाना को |
Rihana
रिहाना को स्कूल जाना पसंद नहीं था | उनका मानना है कि जब आप गा सकते हैं, खेल सकते हैं या होमवर्क को छोड़कर कुछ भी दूसरा काम कर सकते हैं तो स्कूल जाना आपको कष्टदायक सकता है| रीरी के नाम से मशहूर इस सिंगर ने अपनी पहली रिकॉर्डिंग डील 16 की उम्र में साइन की और म्यूजिक रिहाना अंब्रेला, डायमंड्स और रुड बॉय जैसे कैई हिट स्टूडियो एलबम्स रिलीज कर चुकी है | हाल ही एक ब्यूटी ब्रांड लांच कर सफल बिजनेसमैन वुमन भी बनी |

5. स्कूल में बेवकूफ समझे जाते थे रिचर्ड ब्रैनसन |

Richard Branson

रिचर्ड ब्रैनसन बताते हैं कि उन्हें स्कूल में बेवकूफ़ स्टूडेंट के तौर पर देखा जाता था | डिस्लेक्सिया से ग्रस्त रिचर्ड ब्रैनसन को स्कूल में लर्निंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ा | आखिरकार 16 की उम्र आते आते उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और एक स्टूडेंट मैगजीन शुरुआत की | मैगजीन को सपोर्ट करने के लिए उन्होंने मेल के जरिए रिकॉर्ड बेचने भी शुरू किए | मैगजीन तो सफल ना हो सकी लेकिन रिकॉर्ड का बिजनेस सफल हुआ और पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाली कंपनी वर्जिन रिकॉर्ड्स में तब्दील हो गई | आज 400 कंपनियां इसमें शामिल हैं |
 📝📝...... Sourabh 

रविवार, 16 अगस्त 2020

क्या गोरापन ही सुंदरता है??? Dark Vs Fair

भारतीय लोग गोरी रंगत को पसंद करते हे यह निर्विवाद है आप मैट्रिमोनियल के विज्ञापन ही देख लीजिए |उनमें यह एक लाइन जरूर लिखी होती है सुशील सुंदर गौरवर्णी कन्या के लिए वर चाहिए या वर के लिए सुशील सुंदर गौरवर्णी कन्या चाहिए | हमारे लिए सुंदरता के मायने गोरापन ही क्यों है ? 

गौरवर्ण के प्रति इतना लगाव क्यों?


1. भारत में सदियों तक अंग्रेजों (गोरो) का राज रहा जिससे मानसिकता बैठ गई कि गौरवर्णी ही राजा होते हैं|
2. फिल्मों और विज्ञापनों में गोरी रंगत के लोगों को ज्यादा श्रेष्ठ और कामयाब दिखाने की परंपरा |

तो फिर कैसे बदले नजरिया? 

रंग को लेकर सुंदरता का जो पैमाना है उसे बदलना आसान नहीं है लेकिन कहीं ना कहीं से तो शुरुआत करनी पड़ेगी | और यह शुरुआत परिवार से ही हो | और परिवार में भी बच्चों से | बच्चों में शुरू से ही यह भावना विकसित करने की जरूरत है कि जो प्रतिभा संपन्न है |वह सुंदर है | जो अच्छा इंसान है | वह सुंदर सुंदर है | सुंदरता का रंग से कोई संबंध नहीं है | माता पिता को भी अपने बच्चों के सामने गोरी रंगत को कोई महत्व नहीं देना चाहिए | अपने बच्चों की त्वचा की रंगत में निखार की कतई कोशिश नही करना चाहिए| बल्कि त्वचा की सेहत पर ध्यान देना चाहिए| त्वचा की सुंदरता उसके अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर करती है ना कि त्वचा की रंगत पर | लेकिन अक्सर माताएं और बेटियां त्वचा की रंगत में निखार के लिए टिप्स खोजती रहती है इसी नजरिए को बदलने की जरूरत है क्योंकि यही मां और बेटियों से बच्चों का नजरिया गौरवर्ण की तरफ हो जाता है और फिर वह समाज का दृष्टिकोण बन जाता है |
विज्ञापनों और फिल्मों में सांवली और काली रंगत के लोगों को भी लाया जाना चाहिए जिससे सुंदरता को लेकर रंग के प्रतिमान बदल सकें|
हालांकि यह भी ध्यान रखना जरूरी है की कहीं भविष्य में सांवलापन या कालापन ही सुंदरता का पैमाना ना बन जाए क्योंकि यह भी गलत होगा क्योंकि सुंदरता को रंग के पैमाने पर मापा ही नहीं जाना चाहिए फिर वह श्वेत रंग का हो या अश्वेत |

असली सुंदरता के मायने

कहते हैं की सुंदरता तो, देखने वालों की आंखों में होती है| आंतरिक सुंदरता की बात अक्सर की जाती की जाती है| लेकिन सच तो यह है कि सदियों से हम सुंदरता को बाहरी चमक-दमक से ही मापते आए हैं | जब से गौरवर्ण को सुंदर माने जाने जाने लगा  है | सभी ने गोरा ही सुंदर है की विचारधारा को बढ़ाने का काम किया है | हमें इस सोच में बदलाव करने की जरूरत  है |
सुंदरता कभी भी आंतरिक सौंदर्य के बिना पूरी नहीं हो  सकती अच्छी वाणी और मन, सरल और शिष्ट व्यवहार,  ईमानदारी और स्वस्थ शरीर का सौम्य मिश्रण ही सुंदरता है|
सांवली रंगत के प्रसिद्ध भारतीय


श्वेत रंग  को  सुंदरता के प्रतीक, से हटाना क्यों  जरूरी है?


भारत में देखा जाए तो क्या यहाँ सिर्फ जातिभेद है, रंगभेद नहीं है। परंतु वास्तविकता कुछ और ही है, क्योंकि भारत भी रंगभेद से अछूता नहीं है। भारत में इसका अपना अलग ही स्वरूप है, क्योंकि लिंगभेद से जुड़कर यह और भयानक हो जाता है।भारतीय समाज में लड़कियों के लिये सांवला रंग किसी शारीरिक अपंगता जैसा ही बड़ा अभिशाप है।


सुंदर और गौरवर्णी त्वचा की दीवानगी को दर्शाते यह आंकड़े
1.  58000 करोड़ रुपए का स्किन केयर प्रोडक्ट का स्किन केयर प्रोडक्ट का मार्केट हैं | (2020 के मौजूदा अनुमानों के अनुसार भारत में) 
2.  73000 करोड़ रुपए का हो जाएगा स्किन केयर प्रोडक्ट का मार्केट भारत में 2023 तक |
3. 7.9% की वार्षिक बढ़ोतरी बढ़ोतरी के साथ बढ़ रहा है भारत का स्किन केयर प्रोडक्ट का बाजार |

 📝.... सौरभ रोहित

संदर्भ:-
1. शहनाज हुसैन ,अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ |
2. कविता इम्मानुएल, फाउंडर डार्क इज ब्यूटीफुल कैंपेन|


रविवार, 9 अगस्त 2020

समस्याओं का हल

एक बार की बात है| एक बुजुर्ग एक गांव में रहता था | उसकी सफेद दाढ़ी और बाल दिव्यता का एहसास कराते थे | पूरे गांव में सबसे बुद्धिमान उन्हीं बुजुर्गों को माना जाता था | लोग अपनी समस्या लेकर बुजुर्ग के पास आते| जिनका वे समाधान  करते | अक्सर लोगों की समस्याएं एक जैसी ही होती थी | ऐसे ही एक दिन पूरा गांव अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर उन्हें  घेर बैठा | फिर उन्होंने एक चुटकुला सुनाया और सभी लोग ठहाका मारकर हंसने लगे | 5 मिनट बाद वही चुटकुला उन्होंने फिर से सुनाया | इस बार कुछ लोग हंसे और कुछ मुस्कुरा कर रह गए | तीसरी बार उन्होंने फिर वही चुटकुला सुनाया तो कोई भी नहीं हंसा बल्कि हैरान होकर सभी, बुजुर्गों को देखने लगे | बुजुर्ग मुस्कुराया और बोला:- जब आप एक ही चुटकुले पर बार-बार नहीं हंस सकते तो एक जैसी समस्याओं को लेकर क्यों रोते हो| अब समस्या लेकर आए हुए गांव के लोगों को अपनी समस्या का हल मिल चुका था | सभी मुस्कुराते हुए अपने अपने घर लौट गए घर लौट गए गए|

सुख और समस्याएं, दिन-रात की तरह ही होते हैं जो क्रमागत हैं| जो हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है या कहें तो जिंदगी |मुस्कुराते हुए समस्याओं का सामना कीजिए| यकीनन सुखों का सवेरा भी आएगा|

सोमवार, 3 अगस्त 2020

अच्छे भाई होने का फर्ज |

रक्षाबंधन


इस रक्षा बंधन मैं अपनी बहनों को ये सात वचन देता हूँ और उनका पालन करूंगा:-
1. मैं आपकी रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहूंगा|
समाज की बुराइयों से | लेकिन आपको चार दीवारी में बंद करके नहीं, बल्कि समाज में विकसित बुराइयों के बारे में समझा कर बाहर जाने दूंगा। जब आप चाहती या जरूरत होगी की मैं रक्षा  करने  आपके साथ रहूं  तब मैं हमेशा वहां रहूंगा।

2. जब आपको जरूरत हो तब मैं गाइड करूंगा |
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या बनने की ख्वाहिश रखती है, मैं हमेशा आपके जीवन और करियर और हित के  संदर्भ में,  अधिकतम ज्ञान प्राप्त करके आपको सम्मानजनक तरीके से सबसे अच्छे विकल्प के लिए मार्गदर्शन करूंगा ।

3. मैं आपको कभी नहीं मारूंगा |
... कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्थिति क्या है ... तब  भी चाहे  मेरे पास आपको सिखाने के बेहतर तरीके हैं जो आपको सीखने की जरूरत है। 

(मैं समझता हूं कि अगर आप  हिंसा को परिवार की संस्कृति का हिस्सा मान लेगी है, तो (भगवान ना करे) पर कभी जब ससुराल बाले आप पर बर्बरता करेंगे तो आप इसे जीवन का संस्कार मानकर जिएगी जो बहुत नाइंसाफी होगी |)

4. मैं आपकी निजता का सम्मान करूंगा |
मैं कभी चुपके से आपकी जाँच नहीं करूँगा। आप भी एक व्यक्ति है, जिसके पास अपना स्थान है और बिना अनुमति के किसी के निजी स्थान में प्रवेश करना सकारात्मक संकेत नहीं है। मेरी बहन होने के नाते, मैं हमेशा आपकी निजता का सम्मान करूंगा।


5. मैं , आपके रहस्यों को रहस्य  रखने की कसम खाता हूं |
यदि कोई रहस्य आपने मेरे साथ साझा किया है, तो मैं इसे उस दिन तक सुरक्षित रखने का वादा करता हूं जब तक मैं मर नहीं जाता।

6. मैं , आपका साथ कभी नहीं छोडूंगा|
परिस्थितियां चाहे कितनी खराब ही क्यों ना हो पर मैं उसका साथ कभी नहीं छोड़ूंगा... चाहे आप मेरे बारे में कुछ भी महसूस करे, लेकिन मैं बदले में किसी भी चीज की उम्मीद किए बिना हमेशा  साथ निभाऊंगा | अगर कोई बात है तो  मैं इसके कारण को खोजकर और  सुधारने का प्रयास करूंगा। 
(चाहे आपने अपनी मर्जी से शादी की हो) 

7. मैं आपकी,निर्णयों का सम्मान करूंगा|
हम दोनों एक ही छत के नीचे पले बढ़े | मम्मी पापा का एक सा प्यार मिला और एक ही टीवी के रिमोट के पीछे लड़े भी| पर मैं आपके निर्णयों का सम्मान करना करूंगा|..

📝📝...... सौरभ रोहित

रविवार, 2 अगस्त 2020

दोस्ती में अच्छाई याद रखिए |




दो दोस्त रेगिस्तान से होकर गुजर रहे थे | बीच-बीच में हंसी मजाक मजाक चल रहा था | पर अचानक मजाक तर्क वितर्क में बदल गया | गुस्से- गुस्से में एक दोस्त ने दूसरे दोस्त दूसरे दोस्त को थप्पड़ मार दिया | जिसे थप्पड़ पड़ा वह चुपचाप पीछे चलने लगा |  एक जगह दोनों थोड़ा विश्राम करने के लिए रुके | थप्पड़ खाया हुआ दोस्त चुप था | वह चुपचाप रेत पर लिख रहा था आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा | दूसरा दोस्त उसे देख रहा था | लेकिन चुप रहा | रेगिस्तान खत्म होने को आया | एक नदी के मुहाने दोनों दोस्त रुक गए और दोनों नहा ही रहे थे | की थप्पड़ खाया हुआ दोस्त डूबने लगा तो, दूसरे दोस्त ने उसे हाथ पकड़ कर उसे बाहर खींच लिया |  मौत के खौफ से निकला हुआ , दोस्त  थोड़ी देर बाद पत्थर पर लिख रहा था... आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई  | दूसरे दोस्त ने ने यह लिखने का कारण पूछा |  तो उसने बताया  जब कोई हमें ठेस पहुंचाता है तो उसे हमें रेत पर लिख देना चाहिए जिससे क्षमा की हवाएं उसे मिटा सके  और जब कोई आपके प्रति अच्छाई करें तो उसे पत्थर पर उकेर देना चाहिए ताकि उसे कोई चाह कर भी न मिटा सके|

सीख:- जिनसे जीवन में सार्थकता है सिर्फ उन्हीं बातों को महत्व दें |


डॉ. कलाम के जीवन के कुछ जाने-अनजाने पहलू (10 रोचक तथ्य)



बीती 27 जुलाई 2020 को डॉक्टर कलाम की 5th पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन के कुछ ऐसे रोचक तथ्यों को आप तक पहुंचा रहा हूं जिन्हें आप जानकर उनके जीवन के अनुभव  का फायदा ले सकते हैं | और जानकारी में इजाफा कर सकते हैं |

भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति(2002-2007) 

पूरा नाम:- अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम मसऊदी
अन्य नाम:- मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति |
जन्म:- 15 अक्टूबर 1931
जन्म स्थान:- रामेश्वरम रमानाथपुरम जिला, ब्रिटिश राज (मौजूदा तमिलनाडु, भारत)
मृत्यु:- 27 जुलाई 2015 (उम्र 83)
प्रमुख पुरूस्कार
1997 भारत रत्न
1990 पद्म विभूषण
1981 पद्म भूषण
पेशा :- 
 प्रोफेसर, लेखक, परमाणु वैज्ञानिक ,वैज्ञानिक ,एयरोस्पेस इंजीनियर |
रचनाएँ:-
‌इग्नाइटेड माइंडस: अनलीशिंग द पावर विदीन इंडिया | ( प्रज्वलित मन ) 
‌इंडिया-माय-ड्रीम | ( भारत- मेरा सपना) 
‌एनविजनिंग अन एमपावर्ड नेशन: टेक्नालजी फार सोसायटल ट्रांसफारमेशन |
आत्मकथात्मक रचनायें:-
‌विंग्स ऑफ फायर: एन आटोबायोग्राफी ऑफ एपीजे अब्दुल कलाम : सह लेखक - अरुण तिवारी|
‌साइंटिस्ट टू प्रेसिडेंट|
‌माय जर्नी |



कलाम के बारे में 10 रोचक तथ्य:-

‌1. अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था।

‌ 2. कलाम के पसंदीदा विषय गणित और भौतिकी थे|
‌कलाम भारतीय वायु सेना के लिए एक फाइटर पायलट बनने का एक मौका चूक गए थे। उनकी 9 वी रैंक रैंक वी रैंक आई थी जबकि सिर्फ भर्तीयां 8 थी|

3. ‌कलाम सत्तारूढ़  भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए थे|

4. ‌उन्हें 40 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी है।

‌5. कलाम , भारत के दूसरे उपग्रह रोहिणी के परियोजना निदेशक थे। जिसे 25अप्रैल 1975 लॉन्च किया गया था|

‌6. DRDO में, वह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के प्रमुख थे और 5 मिसाइलें विकसित की थीं: नाग, आकाश, त्रिशूल, अग्नि, पृथ्वी|

7. ‌कलाम भारत के पहले अविवाहित वैज्ञानिक राष्ट्रपति हैं।

8. ‌उनके जन्मदिन के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2010 में इसे विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाने घोषणा की थी तभी से प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर ( कलाम के जन्मदिन ) को World Student Day मनाया जाता है|

‌9. कलाम 1979 में SLV-III परियोजना के प्रमुख निर्देशक थे|और SLV-III की असफलता पर डॉ कलाम ने कहा था "जब विफलता हुई, तो संगठन के प्रमुख के पास उस विफलता का स्वामित्व था। जब सफलता मिली, तो उन्होंने इसे सफलता का श्रेय अपनी टीम को दिया। सबसे अच्छा प्रबंधन सबक जो मैंने सीखा है, वह किताब पढ़ने से मेरे पास नहीं आया; यह उस अनुभव से आया है |

10. कलाम पूरी जिंदगी शाकाहारी और आविवाहित रहे|

27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देने के बाद एक दुर्भाग्यपूर्ण कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया था।

‌‘परवाज़’ गुलज़ार की आवाज़ में डॉ. कलाम की आत्मकथा है। इस ऑडियोग्राफी का एक-एक शब्द रौंगटे खड़े कर देने वाला है। गुलज़ार साहब की आवाज़ में ‘परवाज़’ को सुनकर अब्दुल कलाम भी रो पड़े थे।
     इसे आप भी सुन सकते हैं नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके

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रविवार, 26 जुलाई 2020

Topographical Model Of Mind In Hindi

 समझिए अपने मन को भाग 2
Topographical Model of Mind
महान साइकोएनालिस्ट (मनोविश्लेषण ) और न्यूरोलॉजिस्ट (तंत्रिकाविज्ञानी) सिगमंड फ्रायड ने  सिद्धांत थ्योरी ऑफ माइंड के तहत दो मॉडल प्रस्तुत किए थे जिस में से आज
 मैं Topographical Model of Mind को समझाने जा रहा हूं| 
इन सिद्धांतो की मदद से हम अपने जीवन की कई कठिन समस्याओं, कठिन समय और परिस्थितियों को सुलझा सकते हैं क्योंकि यह सिद्धांत, हमें हमारे मन और उसके कार्य करने के तरीके को विस्तृत रूप से दर्शाता है|
Topography का मतलब मेप 🗺 (map) होता है जिसमें हाईवे ,रोड ,मंदिर, तालाब, नदियां, पहाड़, शॉपिंग मॉल, चौराहे, हॉस्पिटल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड,शहर और गांव की जानकारी होती है | वैसे ही Topographical model of mind में मन के तीन हिस्से बताए गए हैं|
1. Conscious Mind
2. Precocious Mind
3. Subconscious Mind

इसे Iceberg मॉडल ऑफ माइंड भी कहते हैं क्योंकि जिस तरह Iceberg की संरचना 1/7 भाग पानी के ऊपर और  6/7 भाग पानी के नीचे रहता है इसी तरह हमारे दिमाग में Concious और Subconscious mind होते है|

1. Concious Mind :-

यह दिमाग का वह हिस्सा है जिससे हम सचेत रहते हैं और अपनी क्षमता को पहचानते हैं अपनी दिनचर्या के काम करते हैं 
जैसे:- 
1. मैं जानता हूं कि मैं कार चला पाता हूं पर मैं यह भी जानता हूं कि मैं हवाई जहाज नहीं चला पाता हूं|
2. अप्पू जानता है कि उस पर गणित तो अच्छे से बन जाएगी पर अंग्रेजी में कठिनाई होती है|
3. पप्पू जानता है कि वो पुलिस की भर्ती की दौड़ तो निकाल लेगा पर गोला फेंकने में दिक्कत जाएगी|

यह दिमाग का हिस्सा
 यह जानता है कि हम क्या जानते हैं और यह भी जानता है कि हम क्या नहीं जानते|

2. Precocious Mind

यह तीनों भागों में सबसे छोटा भाग है इसमें हमें यह तो पता होता है कि हमें क्या पता है पर हमें ध्यान लगाने की जरुरत पड़ती है तभी वह Concious Mind में आ पाता है|
 उदाहरण की माध्यम समझिए
1. जैसे परीक्षा के समय प्रश्न पत्र को देख कर कुछ प्रश्न जिन्हें देखकर ऐसा लगता है की हां मैंने ये पढ़ा था और याद भी किया था पर याद नहीं आ रहा है| पर इतना याद रहता है प्रश्न तो यही पढ़ा था फिर उत्तर के लिए दिमाग पर जोर लगाना पड़ता है हो सकता है की याद आ जाए और नहीं भी | हो सकता है पेपर की समय सीमा खत्म होने के बाद याद आ जाए| पर फिर क्या?? 
 इसीलिए तो कहा जाता है कि विद्यार्थी बार-बार रिवाइस करते रहे |
2. कई बार पुराने मित्रों से जब रीयूनियन होता है तब हम कई मित्रों के नाम पता होने के बाद भी उस समय याद नहीं आता | ध्यान लगाना पड़ता नाम याद करने के लिए और यदि ना याद आए तो यार-यार कहकर काम चलाना पड़ता है|

3. Subconscious Mind

यह दिमाग का सबसे बड़ा हिस्सा है इससे हम भी अनजान होते हैं |
I don’t know what I don’t know. का मतलब मैं भी नहीं जानता कि मैं क्या नहीं जानता
सपने भी इसी के वजह से ही आते है इसमें सीमाओं का बंधन नहीं होता इसलिए कहते हैं मानव के लिए असंभव कुछ भी नहीं|
इस को जानने के लिए Sigmund Freud ने बताया कि  
Dream analysis सपनों का विश्लेषण कर के हम जान सकते हैं कि हमारे Subconscious Mind मे क्या चल रहा है क्योंकि
“Dream are the royal road to unconscious mind.”
दिल की गहराइयों को समझने के लिए सपनों को जानना बहुत जरूरी है| 
उदाहरण के माध्यम से समझिए
1.मान लीजिए एक लड़की है जिसका बॉयफ्रेंड भी है और उसके साथ खुश भी है  लेकिन सपने में वह खुद ,किसी और लड़के से प्यार करती हुई दिखती है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि वह सच में उसी से प्यार करती है जो सपने में दिखता है पर वह इस बात को समझ नहीं पा रही और Conciously किसी और से ही प्यार करती है इसके कारण कई बार रिश्ते ज्यादा नहीं टिकते या वैसा रस नहीं होता|
2.पप्पू बचपन से अभी तक  कई बार सपने में देख चुका है  कि वह एक स्कूल टीचर है और उसे पढ़ाने में बहुत खुशी होती है, पर Concious Mind में उसके पापा चाहते हैं कि वह डॉक्टर बनें और वह भी अपने सपनों को नहीं समझ पाया और डॉक्टर बनने में लग गया , 
हो सकता है वह बन जाए डाक्टर,  पर उसे आंतरिक रुप से उतना अच्छा नहीं लगेगा जितना कि उसे टीचर बन कर लगता| 

Instinctual Drive( जिसमें Hunger, Anger, Sex, Maternal ect आती है ) Subconscious Mind के अंतर्गत आती है|
Subconscious Mind  ही deep and dark होता है जिसमें क्राइम,लालच, वासनाए डर कल्पनाऐ आदि  होते हैं 
जिससे ही हमें आसानी से कल्पनाओ से भरी, अपराध , चोरी और ग्लैमर से जुड़ी फिल्में पसंद आती है| (Avengers , Harry Potter Series, doom123, Crime Patrol, fashion TV, Carry Minati  etc) 

असल में समस्या जब शुरू होती है जब Conscious Mind में कुछ और ,और Subconscious mind  में कुछ और होता है तो  लगता है कि मन में कुछ और चल रहा है जबकि दिमाग में कुछ और|  सामान्य जीवन में परेशानियां होने लगती हैं|

जैसे झूठ बोलते हुए व्यक्ति आसानी से पकड़ में आ जाते क्योंकि उनके  Subconscious mind को उनके  कुकर्मों के बारे में पता रहता है लेकिन वो Concious mind से उन्हें छुपाने की कोशिश करता है लेकिन इसमें बॉडी साथ नहीं देती और उन्हें पसीना आने लगता है( और भी फिजिकल साइन दिखते)  क्योंकि साइकोलॉजी में कहा गया है
                        Body doesn’t lie.

 सपनों का विश्लेषण करके दिल की गहराइयों को पता लगा सकते हैं वैसे तो Subconscious mind को पूरी तरह समझना नामुमकिन है फिर भी जितना आप विश्लेषण करेंगे उतना तो आप समझ ही लेंगे|
Brain Wash term शब्द सुना ही होगा जब बातों के माध्यम से किसी व्यक्ति के Subconscious Mind में लक्ष्य बदल दिया जाता है और दिमाग के तीनों भागों को उसी से सामंजस्य स्थापित करा देते तो व्यक्ति का ब्रेन बॉस जाता है| यह इतना आसान भी नहीं है कि कोई भी किसी का ब्रेन बॉस कर दे |  एक पहलू यह भी टेलीविजन में  एडवर्टाइज के माध्यम से आम जनता का ब्रेनवाश करके उनसे वह चीजें खरीद वाना है जिनकी उन्हें कोई खास जरूरत नहीं है|

 दिमाग के तीनों हिस्सो का सामंजस्य बनाए रखिए जिससे आप बहुत खुश रहेंगे|
मुझे आशा है कि मन कैसे काम करता है आप समझ चुके होंगे| 
अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें
What'sApp No:- +91 9770492305

Reference:-
1. Topographical Model of Mind :- Sigmund Freud



रविवार, 19 जुलाई 2020

समझिए अपने मन को|


मानव मन को समझना मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत के मूल में है। मन हमारे साथ कैसे-कैसे खेल खेलता है इस बात को समझने के लिए महान साइकोएनालिस्ट (मनोविश्लेषण ) और न्यूरोलॉजिस्ट (तंत्रिकाविज्ञानी) सिगमंड फ्रायड के सिद्धांत थ्योरी ऑफ माइंड के स्ट्रक्चरल मॉडल को आसान शब्दों में समझना होगा|
Human Mind

स्ट्रक्चरल मॉडल ऑफ माइंड
जिस तरह एक घर की संरचना में आधार तल, मध्य तल और ऊपरी तल होते हैं उसी तरह मन के भी तीन तल होते हैं|

Instinctual Drive
मानव मन का सबसे निचला तल Instinctual drive (ID) होता है जिसका अर्थ है जन्म से ,ऐसी जरूरतें आदतें जो पैदाइशी होती हैं जिनके बिना हम जिंदा नहीं रह सकते | ड्राइव का मतलब वह आदतें और जरूरते है जो अपने आप ही अपनी तरफ खींचती है
जिन्हें हम करते हैं तो हमें बहुत सुख और आनंद मिलता है और यदि नहीं करते तो दर्द का एहसास होता है उदाहरण के माध्यम से समझिए

जैसे एक बच्चे को पैदा होने से पता रहता है कि कैसे अपनी मां के स्तनों से से दूध पीना है जैसे ही मां मां बच्चे को अपने स्तनों से लगाती है और वह बच्चा दूध पीना शुरू कर देता है जबकि यह बात किसी ने उसको नहीं सिखाई होती है यदि उसे दूध नहीं पिलाया जाए तो वह रोने लगता है क्योंकि उसे पेट में दर्द का एहसास होता है
Instinctual drive कई तरह की होती है
यह हमारे जिंदा रहने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है
1. भूख( Hunger)
जब भूख लगती है तो किसी भी काम में मन नहीं लगता बस लगता है की कुछ खाने मिल जाए|
यदि खाने को नहीं मिला तो दर्द होने लगता है| चिड़चिड़ापन होने लगता है, गुस्सा आने लगती है
भूख को लाने के लिए कोई अलग से मेहनत करने की जरूरत नहीं होती,वो तो पैदाइशी ही होती है|

2. क्रोध (Anger Instinct )
क्रोध आना भी पैदाइशी ही होता है जब कोई, हमारे हक को मारने की कोशिश करता है तो हमें गुस्सा आता है |

उदाहरण :- 1.जब कोई मां किसी और के बच्चे को अपने बच्चे के सामने ,प्यार दुलार या गोदी में बिठती है तब वह रोने और बिलखने लगता है| और जब माता-पिता किसी दूसरे के बच्चे की ज्यादा तारीफ , अपने बच्चे के सामने करें तो भी गुस्सा का आलम बन बन जाता है|
उदाहरण 2. जब कोई और लड़का या लड़की किसी के प्रेमी या प्रेमिका से नजदीकीया बढ़ाता है तो उनके प्रेमिका या प्रेमी को को बहुत ही गुस्सा आता है और अपने हक मारे जाने का एहसास होता है|
उदाहरण 3. जब कोई हमें धोखा देता है तब भी गुस्से का आलम हो जाता है|
Brain Animation
3.Sexual Instinct:- यह भी एक एक जरूरी instinct है जिससे धरती पर प्राणी जगत को बनाए रखने के लिए जरूरी है| एक इंसान को जिंदा रहने के लिए तो सेक्स की जरूरत नहीं है, पर प्राणी जगत को आगे बढ़ाने के लिए इसकी बहुत जरूरत है जैसा कि यह पैदाइश जरूरत है जिसके करने से हमें खुशी और उत्कर्ष मिलता है
उदाहरण 1.संसार में कहा जाता है की 'प्यार किया नहीं जाता हो जाता है' क्योंकि इसका कारण sexual instinct है क्योंकि प्यार का अंतिम उद्देश्य sexuality ही होता है | जो पैदाइशी ही आता है बस शरीर के परिपक्व होने का इंतजार रहता है|
4. मातृत्वता(Maternal Instinct) :- माता-पिता से कुछ गुण विशेषताएं जन्म से ही ही मिलती इन्हें भी Instinct मे ही रखा गया है |
Super Ego

मानव मन के सबसे ऊपरी तल को Super Ego कहते हैं
यह नैतिक सिद्धांतों और आदर्शवाद पर कार्य करती है|
मन का यह हिस्सा हमें नैतिक सिद्धांतों को साथ लेकर चलने को कहता है|
उदाहरण जैसे वह व्यक्ति जिन्होंने अपने मन के इस हिस्से को ज्यादा तवज्जो दिया नैतिक मूल्यों पर अधिक खरे उतरे जैसे कि हमारे स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी ,संविधान निर्माता डॉक्टर बीआर अंबेडकर, रविंद्र नाथ टैगोर ,आजाद जिन्होंने अपने सुख को ना देखते हुए मानवीय और नैतिक सिद्धांतों को ऊपर रखा और अपने प्राणों की भी भी आहुति देने तैयार रहे| इसीलिए उन्हें याद किया जाता है|
Ego
जैसे यदि कोई मनुष्य पूरी तरह अपनी ही Instinct को पूरी करने में लग जाए तो वह व्यक्ति लगभग जानवरों की ही तरह हो जाएगा पूरा का पूरा स्वार्थी (selfish)
उदाहरण 4.छोटे बच्चे अपनी जिद मनवाने जमीन पर लेट जाते हैं उधम मचा देते हैं और जब नशेड़ी या शराबी को शराब ना मिलने पर घर को तहस-नहस कर देते हैं लड़ाई करते हैं |
और Super Ego मे बहुत ही आदर्शवाद और सिद्धांतवाद होता है जैसे बहुत ही ईमानदारी से रहना हमेशा सच बोलना इत्यादि जिन्हें हम हमेशा फॉलो नहीं कर सकते| फिर आता है एडजस्टमेंट ( balance)
मानव मन की संरचना के मध्य में में एक भाग Ego भी होता है जो Instinct drive और Super Ego के मध्य सामंजस्य स्थापित करता है |
जिससे आपकी instinctual drive ( मन की इच्छाएं इच्छाएं) भी पूरी हो जाए और नैतिकता भी बनी रहे समाज में गलत साबित भी न हो|
उदाहरण :- माना आप डाईटिंग करने की सोच रहे हैं और मन ही मन आपने कसम खाई की कुछ भी हो जाए आज से रात से ही डाइटिंग शुरू करूंगा ही पर जैसे ही आप घर पहुंचते हैं और देखते हैं कि आपकी वाइफ ने या आपकी मां ने आपके पसंद का गाजर मावा का हलवा बनाया है और वह कहती हैं जल्दी हाथ मुंह धो लो और हलवा खा लो |
अब मन सोचने लगता है
 Instinct drive कहेगी हलवा खाएंगे मजा आएगा अच्छा लगेगा |
जबकि Super Ego कहेगा की आज ही तूने डाइटिंग का प्रण लिया और आज ही तोड़ने जा रहा ,यह गलत बात है बड़ा बेशर्म है तू|
फिर आएगा नंबर Ego का, जो कहेगा वैसे भी किसी को पता तो है नहीं, की आज से मैंने डाइटिंग की कसम खाई थी | मैंने कहा भी नहीं था हलवा बनाने को, अब इतने प्यार से हलवा बनाया है खा ही लेते हैं, डाइटिंग फिर कभी शुरू करेंगे|
Ego ने एक बीच का रास्ता निकाल दिया जिससे व्यक्ति की इच्छाएं पूरी हो जाए |
 हमारे समाज और नैतिक सिद्धांतों में कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें एक निश्चित संस्कार के बाद ही करना उचित समझा जाता है|
 जैसे बच्चे पैदा करना शादी के बाद ही उचित समझा जाता है|
शादी के पहले इंटीमेट होना भी गलत समझा जाता है|
पर कुछ जरूरी कार्यों के लिए Ego निकालता है बीच का रास्ता और कहता है जो करना है करो बस किसी को पता नहीं चलना चाहिए और इंसान की इच्छाएं भी पूरी हो जाए |
Structural Model of Mind
दिमाग के तीनों भाग एक साथ कार्य करते हैं इसी से हम प्रैक्टिकली डिसीजन लेते हैं कई बार डिसीजन Instinctual drive और Super Ego के पक्ष में जाता है और कई बार हमें बीच का रास्ता भी निकालना पड़ता है जो Ego के पक्ष में जाता है|

यह मॉडल जिंदगी को समझने के लिए बहुत मदद करता है हम अपने निर्णयों को संतुलित करके जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं
बहुत ही ज्यादा Instinctive हो जाना भी भी गलत है क्योंकि फिर हम और जानवरों में ज्यादा फर्क नहीं रहेगा|
हां पर सुपर ईगोस्ट्रिक्ट हुआ जा सकता है अपने सुखों को छोड़ कर आदर्शवादी बना जा सकता है इसीलिए ही सैनिक जवानों की शहादत को याद किया जाता है|

मुझे आशा है कि आप दिमाग के इस खेल को समझ चुके होंगे और अपनी निर्णयों को सुधार सकते हैं | जीवन को आसानी से समझ सकते हैं|

यह मॉडल सिगमंड फ्रायड ने प्रस्तुत किया है मैंने कुछ उदाहरणों के माध्यम से सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है जिससे सभी तक बात पहुंच सके|

संदर्भ:-
1. Structural model of mind mind:- Sigmund Freud